भारत – यमन संबध ं पृष्ठभू�म: भारत ने �ब्र�टश शासन से आजाद� पाने म� यमन को स�क्रय समथर्न प्रदान �कया था। भारत वषर् 1962 म� यमन अरब �रपिब्लक (वाईएआर) और 1967 म� यमन लोकतां�त्रक गणराज्य (पीड�आरवाई) को मान्यता दे ने वाले पहले दे श� म� से एक था। वषर् 1990 म�, वाईएआर और पीड�आरवाई यमन गणराज्य म� आमे�लत हो गए थे। वषर् 2011 म� अरब उत् थान के प�रणामस्वरूप पूवर् राष्ट्रप�त ने पद छोड़ �दया और एक जीसीसी �ारा प्रायोिजत करार के फलस्वरूप नए राष्ट्रप�त अब्दो-रब्बू मन्सूर है द� के अंतगर्त दो वषर् के �लए अंत�रम सरकार का गठन हुआ। ट्रांजीशन अव�ध के पूरा होने तक राष्ट्रप�त के कायर्काल को बढ़ा �दया गया है । नेशनल डायलॉग कॉन्फ्रेन्स (एनड�सी) के प�रणाम� के अनुसार, एक नया सं�वधान तैयार �कया जा रहा है जो अं�तम चरण म� है । इस पर जनमत संग्रह कराया जाएगा और उसके बाद राष्ट्रप�त और संसद के चुनाव ह�गे। यह उम्मीद क� जा रह� है �क यह दे श संघीय संरचना का होगा। यमन और इसक� जनता क� सोच भारत क� सोच से मेल खाती है और इसने अंतरराष्ट्र�य मंच� पर भारत का समथर्न �कया है । �नमंत्रण प्राप्त होने पर, भारत ने अप्रैल 2012 म� " फ्रैण्ड्स ऑफ यमन ग्रुप" को ज्वाइन �कया ता�क दे श को ट्रांजीशन फेज म� मदद क� जा सके। राजनै�तक यमन के साथ भारत के संबंध स�दय� पुराने ह� जब यमनीज रोमन� के साथ जुड़े हुए थे। 19वीं और 20वीं सद� म�, अदन, मोचा और कामरान ��पसमूह हज या�त्रय� के �लए ट्रांिजट अथवा ट्रांस�शपम�ट का �बंद ु बन गए थे। दि�णी यमन एक �ब्र�टश संरि�त �ेत्र था जो बॉम्बे प्रेसीड� सी �ारा शा�सत था िजसके दौरान एक भारतीय गैर�सन सेवा कर रहा था, जब�क रुपया आ�धका�रक मुद्रा था। आजाद� से पूवर् के भारत म�, अदन कई प्रमुख भारतीय� के �लए एक पोटर् ऑफ कॉल बन गया था, जब�क नेताजी बोस, महात् मा गांधी, पिण्डत मदन मोहन मालवीय, सरोिजनी नायडू ने वहां क� यात्रा क� थी। भारत क� आजाद� क� लड़ाई म� �वजय और यमन अरब �रपिब्लक तथा पीपुल्स डे माक्रे�टक �रपिब्लक ऑफ यमन को मान्यता प्राप्त होने से उत् तर-उप�नवेशकाल म� संबंध� क� नींव पड़� जो 1980 के दशक के दौरान गहर� होने लगी। यमन अन्य दे श� के साथ-साथ इं �डयन ओ�शयन �रम एसो�शएसन (आईओआरए) का सदस्य है । यमन एक �वस्ता�रत संयुक्त राष्ट्र म� भारत क� स्थायी सदस्यता का पुरजोर समथर्न करता रहा है । हाल ह� के समय म�, अ�धकार� स्तर पर श्रृख ं लाबद्ध ��प�ीय बैठक� का आयोजन हुआ है । वषर् 2013 म�, संयुक्त आयोग क� बैठक का 8वां सत्र नई �दल्ली म� �दनांक 11-12 माचर् 2013 को आयोिजत हुआ था। यमन के प� का नेतत्ृ व योजना एवं अंतरराष्ट्र�य सहयोग उप मंत्री �मस्टर अब्दल ु अजीज अब्दल ु गनी ने और भारतीय प� का नेतत्ृ व पूवर् स�चव (पूव)र् श्री संजय �संह ने �कया। संयुक्त स�चव (खाड़�) श्री मृदल ु कुमार ने 21-22 नवंबर 2013 को यमन का दौरा �कया और प्रथम उप मंत्री डॉ0 अब्दल ु कवी ए. नोमान को 2 �म�लयन यूएस डॉलर मूल्य के भारतीय गेहूँ स�पे और अन्य के साथ-साथ, योजना एवं अंतरराष्ट्र�य सहयोग मंत्री �मस्टर मोहम्मद अल-सईद अल-साद�, उप �वदे श मंत्री डॉ0 अली हसन मुथाना, प्रथम उप व्यापार मंत्री �मस्टर इकबाल बहादर के साथ बातचीत क�। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री वी. एस. सम्पत ने यमन का दौरा �कया और चुनाव एवं जनमत संग्रह के �लए सव�च्च आयोग के अध्य� अपने काउं टरपाटर् जज �मस्टर मोहम्मद हुसैन अल-हा�कमी के साथ एक समझौता �ापन पर हस्ता�र �कए, साथ ह�, यमन के राष्ट्रप�त है द� से भी मुलाकात क�। तत् कालीन �व�ुत एवं ऊजार् मंत्री सलीह हसन सु�मया ने मई 2013 म� है दराबाद का दौरा �कया। भेल, भारत यमन म� एक �व�ुत संयत्र ं स्था�पत कर रहा है । जन स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री डॉ0 अहमद अल-अन्सी ने भारत के साथ स्वास्थ्य के �ेत्र म� ��प�ीय सहयोग पर चचार् करने के �लए 4 से 7 जुलाई 2013 तक भारत का दौरा �कया। इससे पहले, यमन के तत् कालीन �वदे श मंत्री डॉ0 अबू बकर अल-�करबी ने 11 से 15 नवंबर 2011 तक बंगलूरू म� आईओआरए मं�त्रय� क� बैठक म� भाग लेने के �लए भारत क� यात्रा क� थी। नोबल पुरस्कार �वजेता तवक्कुल कारमान ने आईसीसीआर के �व�शष्ट आगंतुक कायर्क्रम के अंतगर्त अप्रैल 2012 म� भारत का दौरा �कया था। अं�तम उच्च स्तर�य दौरा 1999 म� हुआ जब राष्ट्रप�त अली अब्दल् ु ला सालेह ने माचर् 1999 म� और उप राष्ट्रप�त श्री कृ ष्ण कांत ने अक्टू बर 1999 म� ��प�ीय �वचार-�व�नमय और वातार् के �लए दौरे �कए। भारत म� �नम्न�लिखत इं �डयन ओ�शयन �रम के वषर् 2014 के कायर्क्रम� म� यमन क� ओर से अच्द� भागीदार� रह�, अथार्त ् (i ) 17-19 �सतंबर, 2014 को है दराबाद म� आयोिजत 2 म�हला सशक्तीकरण एवं गर�बी उन्मूलन कायर्शाला; और (i i ) 5-7 �सतंबर 2014 को कोचीन म� आयोिजत �हं द महासागर संवाद। अनेक ��प�ीय करार �कए गए ह� जो आ�थर्क एवं तकनीक� सहयोग, वायु सेवा, कृ �ष एवं संबं�धत �ेत्र, सांस्कृ �तक, ��प�ीय �नवेश संवधर्न, स्वास्थ्य एवं �च�कत् सा, तेल एवं गैस उ�ोग तथा शैि�क आदान-प्रदान म� सहयोग/ करार से जुड़े हुए ह� । अदन �वश्व�व�ालय ने रुड़क� �वश्व�व�ालय, जवाहरलाल नेहरू �वश्व�व�ालय और इलाहाबाद �वश्व�व�ालय से सहयोग स्था�पत �कया था। कई भारतीय प्राध्यापक� ने सना’आ और अदन �वश्व�व�ालय� म� संकाय स्था�पत �कए ह� और अलग-अलग �वभाग� क� अध्य�ता क� है अथवा कर रहे ह� । दो अग्रणी �थंक-ट� क, इं �डयन काउं �सल फॉर वल्डर् अफेयसर् (आईसीडब्ल्यूए) और शेबा स�टर फॉर स्ट्रे टिजक स्टड�ज ने �वशेष�� और �वश्लेषक� के आदान-प्रदान को प्रोत् सा�हत करने तथा पारस्प�रक �हत के �वषय� पर सेमीनार� और संगोिष्ठय� म� भाग लेने के �लए भागीदार� �वक�सत करने के �लए अप्रैल 2012 म� एक समझौता �ापन पर हस्ता�र �कए। भारत ने यमन म� एक आईट� स�टर स्था�पत करने का प्रस्ताव �दया है िजसे यमन क� ओर से स्वीकार कर �लया गया है । वािणिज्यक ब�क ऑफ इं �डया ने वषर् 1950 म� अदन म� एक शाखा खोली थी िजसे 1970 म� नेशनल ब�क ऑफ सदनर् यमन (अब नेशनल ब�क ऑफ यमन) म� �नग�मत कर �लया गया है । भारत यमनी सामान� का चीन और थाईलैण्ड के बाद तीसरा सबसे बड़ा आयातक है जब�क भारत यमन के �लए संयुक्त अरब अमीरात, िस्वट्जरलैण्ड, नीदरलैण्ड और चीन के बाद पांचवां सबसे बड़ा �नयार्तक है (सांिख्यक� 2012)। भारत यमन को ख�नज तेल और उनके �डिस्टलेशन उत् पाद, अनाज, चीनी और चीनी कन्फेक्शनर�, औषधीय उत् पाद, पहनने और ओढ़ने के वस्त्र, चाय, चावल, गेहूँ, अनाज, मसाले, तम्बाकू, मांस और मांस से बने उत् पाद, हाथ से चलाए जाने वाले औजार, रासाय�नक पदाथ� का 3 �नयार्त करता है । दस ू र� ओर, भारत यमन से ख�नज �धन, ख�नज तेल और उनके �डिस्टलेशन के उत् पाद, शीशा और उससे बनी वस्तुएं, कच्ची खाल और चमड़ा (फर िस्कन को छोड़कर), चमड़ा और चूना पत् थर का आयात करता है । यमन के फामार् आयात� म� भारत दस ू रे नम्बर पर है , िजसम� इस दे श के बाजार म� अन्य के साथ-साथ, रै नबैक्सी, �सप्ला, सन फामार्, एलकेम लेबोरे टर�ज �ल�मटे ड, कै�डला, वोकाटर् , ग्लेनमाकर्, कोपरान लेबोरे टर�ज �ल�मटे ड, ऑ�कर्ड, मेडली और बायोकॉन स�क्रय ह� । भारत ने यमन के पेट्रो�लयम एवं प्राकृ �तक गैस उ�ोग म� गहर� रु�च दशार्ई है । �वगत समय म�, इं �डयन ऑयल कॉरपोरे शन, भारत पेट्रो�लयम कॉरपोरे शन �ल�मटे ड, �रलायंस और मंगलौर �रफाइनर�ज ने यमन से कच्चा तेल आयात �कया है । �रलायंस तथा गुजरात स्टे ट पेट्रो�लयम कॉरपोरे शन को तेल एवं गैस क� संभावना वाले ब्लॉक प्रदान �कए गए थे। ऑइल इं �डया �ल�मटे ड, इं �डयन ऑयल कॉरपोरे शन ने भी कन्सो�टर् यम म� एक ब्लॉक प्राप्त �कया है । भारतीय कंप�नय� के �लए ऊजार्, पेट्रो�लयम एवं प्राकृ �तक गैस, अवसंरचना �वकास, कृ �ष एवं मत् स्यपालन तथा लघु एवं मध्यम उ�म� म� �नवेश क� उत् कृ ष्ट संभावना है । इसके अलावा, अदन फ्र� जोन म� उत् कृ ष्ट बंदरगाह अवसंरचना मौजूद है जो भारतीय �नयार्तक�/ आयातक� को ट्रांस�शपम�ट/ भण्डारण अवसंरचना व्यवस्थाओं को प्राप्त करने क� सु�वधाएं उपलब्ध कराता है । हाल ह� के समय म�, यमन नवीकरणीय ऊजार् के �वकास पर बल दे रहा है और इस संबंध म� सहायता के �लए बड़े स्रोत के रूप म� भारत से उम्मीद कर रहा है । यमन के वतर्मान राजनै�तक माहौल ने दे श के आ�थर्क एवं वािणिज्यक कायर्कलाप� को मंद कर �दया है । मेना और खाड़� के अपोलो अस्पताल� के मुिखया डॉ0 वा�लद एम. अल-बक�ली क� अध्य�ता म� एक सीआईआई प्र�त�न�धमंडल तथा चार अन्य सदस्य� ने 9 से 12 माचर् 2014 तक यमन का दौरा �कया। प्र�त�न�धमंडल ने सना’आ, अदन और मुकल्ला म� सेमीनार� का आयोजन �कया, और साथ ह�, कृ �ष एवं �संचाई मंत्री इं जी0 फर�द अहमद मुजावर, योजना एवं अंतरराष्ट्र�य सहयोग उप मंत्री डॉ0 मुत् तहर अल-अब्बासी तथा अन्य के साथ ��प�ीय बैठक� क�। फरवर� 2013 म�, नागाजुन र् समूह के एक तीन सदस्यीय प्र�त�न�धमंडल ने एक उवर्रक संयत्र ं स्था�पत करने के �लए दौरा �कया; वार� ग्रुप के एक दो सदस्यीय प्र�त�न�धमंडल ने सोलर वॉटर पं�पंग स्टे शन क� स्थापना के �लए दौरा �कया। एक सेमीनार के आयोजन के अवसर पर, अन्य के साथ-साथ टाटा, भेल, सन फामार् और वार� ग्रुप के प्र�त�न�धय� ने भाषण �दया। यमन भारत व्यावसा�यक प�रषद के अध्य� ने मुम्बई म� माचर् 2013 म� इं �डयन इं जी�नय�रं ग सो�स�ग शो के 4 �लए प्र�त�न�धमंडल का नेतत्ृ व �कया। भेल के अध्य� और प्रबंध �नदे शक ने 8 से 10 �दसंबर 2013 तक सना’आ का दौरा �कया। सबसे कम �वक�सत दे श� के �लए भारत क� ड्यूट� फ्र� टै �रफ �प्रफरे न्स स्क�म (ड�एफट�पी) 2 अप्रैल 2013 को अ�धसू�चत क� गई थी। दो व्यिक्त, नामत: यमनी-भारतीय व्यावसा�यक प�रषद तथा ईएमार सीम�ट एंड सेल्स कंपनी के अध्य� �मस्टर अहमद सलेम सम्माख और कंपनी के उप प्रबंधक �मस्टर आईमान एराब 26-27 नवंबर 2014 को नई �दल्ली म� चौथी भारत-अरब भागीदार� �शखर वातार् म� भाग लेने के �लए भारत आए। फेडरे शन ऑफ द� यमनी चैम्बर ऑफ कॉमसर् एंड इं डस्ट्र� (एफवाईसीसीआई) के सहयोग से दत ू ावास ने सना’आ म� 28 अक्टू बर 2014 को भारत सरकार के ‘मेक इन इं �डया’ कायर्क्रम के �लए एक सेमीनार का आयोजन �कया िजसम� अच्छ�-खासी उपिस्थ�त रह�। यमन क� अलग- अलग कंप�नय� के 43 उ��मय� और कायर्कार� अ�धका�रय� ने इस कायर्क्रम म� भाग �लया। भेल ने भी अपने वैिश्वक कायर्क्रम� के संबंध म� 7 �मनट क� प्रस्तु�त द�। �सतंबर माह के आरं भ म�, फो�टर् स अस्पताल, बंगलौर के तीन प्रख्यात �वशेष�� ने सना’आ म� अल-थावरा अस्पताल (सरकार के स्वा�मत् व वाले) का दौरा �कया और बड़� संख्या म� यमन के मर�ज� क� �च�कत् सा जांच और ऑपरे शन �कए, िजनम� गुदार् प्रत् यारोपण और मिस्तष्क शल्य�क्रया शा�मल है । ये तीन डॉक्टर यूरोलोिजस्ट, गेस्ट्रोएंटरोलो�लस्ट और न्यूरोलोिजस्ट थे। पुंज लॉयड ने 211.41 �म�लयन यूएस डॉलर म� अमरान-अदन हाईवे प�रयोजना, सैक्शन नौबात डोकेम के �नमार्ण के �लए लैटर ऑफ क्रे�डट अिजर्त �कया है , िजसका �वत् तपोषण सउद� �वकास �न�ध से �कया जा रहा है । गैमन इं �डया को धमार और अदन के बीच 360 करोड़ रु. (62 �म�लयन यूएस डॉलर के समतुल्य) क� �व�ुत पारे षण लाइन� के �नमार्ण क� सं�वदा अ�ध�नण�त क� गई है , जो 27 मह�न� म� पूर� होगी। भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय के तत् वावधान म� एक उपक्रम, वापकोस �ल�मटे ड के प� म� यमन म� �नम्न�लिखत प�रयोजनाएं अ�ध�नण�त क� गई ह� : क) है डरामाउट गवन�रे ट म� अब्दल् े ण ु ला गर�ब रोड सेक्शन के �लए सड़क �नमार्ण पयर्व� हे तु परामशर् सेवा (यमन के लोक �नमार्ण एवं राजमागर् मंत्रालय के साथ)। 5 ख) अबयान गवन�रे ट म� हनाड �वयर एवं हलाड लेफ्ट मेन कैनाल के पुन�नर्मार्ण के पयर्वे�ण हे तु परामशर् सेवा (यमन के कृ �ष एवं �संचाई मंत्रालय के साथ)। आईट�ईसी/ आईसीसीआर छात्रवृित् तयां भारत स्नातक, स्नातकोत् तर और डॉक्टोरल कायर्क्रम� म� अध्ययन के �लए आईसीसीआर के तत् वावधान म� �व�भन्न योजनाओं के तहत छात्रवृित् तयां प्रदान करता है । आईट�ईसी कायर्क्रम के अंतगर्त भारत यमन को �मता �नमार्ण के �लए �स�व�लयन प्र�श�ण प्रदान करता है । मंत्रालय ने वषर् 2013-2014 के �लए मांगे गए 110 स्लॉट� क� तुलना म� 108 स्लॉट स्वीकृ त �कए थे। वषर् 2013-14 म�, यमनी नाग�रक� �ारा 103 आईट�ईसी स्लॉट� का उपयोग �कया गया; पांच आवेदक व्यिक्तगत और पा�रवा�रक कारण� से नह�ं आ सके। वषर् 2014-15 के �लए, मंत्रालय ने यमन के �लए 80 स्लॉट आवं�टत �कए ह� । इसके अ�त�रक्त, आईसीसीआर ने वषर् 2014-15 के �लए यमनी छात्र� के �लए 52 स्लॉट आवं�टत �कए थे और 50 अभ्य�थर्य� ने इस छात्रवृित् त योजना का उपयोग �कया है । सांस्कृ �तक: एक नया सांस्कृ �तक आदान-प्रदान कायर्क्रम �वचाराधीन है । आसीसीआर �ारा प्रायोिजत सांस्कृ �तक जत् थ� ने यमन के अलग-अलग भाग� म� �नय�मत रूप से प्रस्तु�तयां द� ह�, िजनम� अं�तम प्रस्तु�त राजस्थानी लोक सांस्कृ �तक जत् थे �ारा सना’आ, अदन और तैज म� द� गई। टै गोर क� 150वीं जयंती क� स्मृ�त म� नवंबर 2011 और जनवर� 2012 म� सना’आ म� दो �वशेष प्रदशर्�नय� का आयोजन �कया गया था। भारतीय समुदाय भारत और यमन के बीच कई स�दय� से स्पंदनशील संबंध� का अच्छा मेलजोल है । �ब्र�टश शासन म� अदन 1839 से 1939 तक बॉम्बे प्रेसीड� सी �ारा अ�भशा�सत था िजसके दौरान अदन म� 2000 भारतीय सै�नक� क� एक गैर�सन तैनात थी और 1855 से अदन तथा बॉम्बे के बीच एक �नय�मत स्ट�मर सेवा चलती थी। 1950 के दशक के मध्य तक, कई भारतीय अथार्त ् �हं द,ू मुिस्लम और पार�सय� ने अदन म� �नवास �कया था। इसके प�रणामस्वरूप �हं द,ू जैन और पारसी समुदाय� के �लए समृद्ध भारतीय �वरासत के मं�दर� क� स्थापना हुई, ऐसे 10 मं�दर� म� से 6 एक का अभी भी स�क्रय रूप से संर�ण �कया जा रहा है । आजाद� के बाद से, कई भारतीय� ने यमनी नाग�रकता ले ली है - यमनी समुदाय� म� �ववाह कर �लया है । उनम� से पयार्प्त आबाद� भारतीय र��त-�रवाज� और परं पराओं का अनुसरण करती है । �मशनर�ज ऑफ चै�रट� क� �सस्टर� ने होदै दाह, सना’आ, तैज और अदन म� क�द्र खोले ह� । सबसे पहले क�द्र, एक कुष्ठ क�द्र, का उ�ाटन होदै दाह म� 1973 म� मदर टे रेसा �ारा �कया गया था। यमन म� है दरामाउट राज्य (प्रांत) के डे क्कन (भारत) के साथ मजबूत संबंध थे और अभी भी ह� । है दरामाउट के सैयद प�रवार� ने अस्पताल और अरबी संगठन स्था�पत �कए थे और है दराबाद के �नजाम ने इस �ेत्र के यम�नय� को सै�नक� के रूप म� �नयुक्त �कया था जो अपनी अत् य�धक वीरता और पूणर् स्वामी भिक्त के �लए जाने जाते थे। सीमापार के संपक� के फलस्वरूप यमनी मूल के लगभग 300,000 भारतीय मुख्यत: है दराबाद म� तथा आंध्रप्रदे श, महाराष्ट्र, गुजरात और कनार्टक के इसके �नकटवत� शहर� म� ह� । इसी प्रकार भारतीय मूल के लगभग 200,000 व्यिक्तय� का समुदाय अदन, है दरामाउट, होदै दाह, तैज और सना’आ म� है । सना’आ, अदन, तैज और होदै दाह म� भारतीय संघ मौजूद ह� और स�क्रय रूप से सामािजक एवं सांस्कृ �तक कायर्क्रम आयोिजत करते ह� । अदन का भारतीय संघ सबसे पुराना है, िजसक� स्थापना �ब्र�टश शासनकाल म� हुई थी। वतर्मान म� इस संघ का प्रबंधन मुख्यत: प्रवासी भारतीय प्रोफेसनल� �ारा �कया जाता है । उपयोगी स्रोत: भारतीय दत ू ावास, सना’आ क� वेबसाइट: www.eoisanaa.org �दसंबर 2014 ***** 7
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