India-Malaysia Relations India established diplomatic relations with

भारत – मेल�शया संबंध
भारत ने 1957 म� मलाया प�रसंघ (मले�शया का पूवव
र् त� राज्य) के साथ 1957 म� राजन�यक संबंध स्था�पत
�कए। क्वालालंपुर िस्थत भारतीय उच्चायोग के माध्यम से मले�शया म� भारत का प्र�त�न�धत्व होता है । भारत
म� मले�शया का प्र�त�न�धत्व नई �दल्ल� म� उनके उच्चायोग तथा मंब
ु ई एवं चेन्नई म� कांसल
ु ेट जनरल के
माध्यम से होता है ।
उच्चस्तर�य यात्राएं :
भारत एवं मले�शया के बीच घ�नष्ट एवं मैत्रीपण
ं ह� तथा �नय�मत स्तर पर �शखर स्तर�य बैठक� होती
ू र् संबध
ह�। मले�शया क� ओर से भारत क� �पछल� वीवीआईपी यात्रा म� जनवर�, 2010 म� मले�शया के प्रधानमंत्री
मोहम्मद नािजब तन
ु रजाक क� यात्रा तथा पुन: 20-21 �दसंबर, 2012 को उनक� यात्रा शा�मल है िजसका
उद्देश्य आ�सयान – भारत संस्मारक �शखर बैठक म� भाग लेना था। भारत क� ओर से �पछल� वी वी आई पी
यात्रा म� तत्काल�न प्रधानमंत्री डा. मनमोहन �संह क� 26 से 28 अक्टूबर, 2010 के दौरान मले�शया क� यात्रा
है । प्रधानमंत्री क� इस यात्रा के दौरान साम�रक साझेदार� के �लए एक रूपरे खा पर सहम�त हुई। िजसके तहत
द�घार्व�धक एवं साम�रक साझेदार� के रूप म� द्�वप�ीय संबंध� को स्तरोन्नत करने के उद्देश्य से एक बहुआयामी संबंध के �वकास क� प�रकल्पना है । �पछले कुछ वष� म� मंत्री स्तर पर अनेक उच्च स्तर�य यात्राएं हुई
है ।
संयुक्त आयोग क� बैठक : दोन� दे श� के �वदे श मं�त्रय� के नेतत्ृ व म� भारत – मले�शया संयक्
ु त आयोग क�
�पछल� बैठक 3 मई, 2011 को क्वालालंपुर म� हुई िजसम� द्�वप�ीय संबंध के सभी �ेत्र� क� समी�ा क� गई।
दोन� दे श� के बीच �वदे श स�चव के स्तर पर �वदे श कायार्लय परामशर् का भी एक तंत्र है तथा इसक� �पछल�
बैठक 12 माचर्, 2012 को मले�शया म� हुई थी।
संसद�य अंत:�क्रया : भ्�ारत क� संसद ने अक्टूबर, 2011 से एक भारत - मले�शया संसद�य मैत्री समूह का
गठन �कया है। मले�शया के द�वान रकयात (प्र�त�न�ध सदन – �नचला सदन) के स्पीकर श्री पंडीकर अ�मन
म�ु लया ने 29 – 30 जल
ु ाई, 2013 को भारत का कायर्कार� दौरा �कया तथा लोक सभा अध्य� से मल
ु ाकात
क�। मले�शया क� संसद ने लोक सभा अध्य� को भारत के संसद सदस्य� के एक �शष्टमंडल के साथ
मले�शया का दौरा करने का �नमंत्रण �दया।
करार एवं एमओयू : दोन� दे श� के बीच अनेक करार� एवं एम ओ यू पर हस्ता�र �कए गए ह� िजसम�
वा�णज्य, दोहरे कराधान का प�रहार, सीमा शुल्क से जड़
ु े मामले, उच्च �श�ा, प्रत्यपर्ण, आपरा�धक मामल� म�
परस्पर कानन
ू ी सहायता, पयर्टन, परं परागत दवा, आईट� एवं सेवा, सांस्कृ�तक �व�नमय कायर्क्रम, लोक
प्रशासन एवं अ�भशासन आ�द जैसे �ेत्र� म� �कए गए गरार / एम ओ यू शा�मल ह�।
र�ा एवं सुर�ा सहयोग : भारत और मले�शया के बीच र�ा संबध
ं �पछले वष� म� �नरं तर बढ़ रहा है । वषर्
1993 म� र�ा सहयोग पर एक एम ओ यू पर हस्ता�र �कया गया। दोन� दे श� के र�ा मं�त्रय� द्वारा एक –
दस
ू रे दे श क� यात्राएं क� गई ह� तथा मले�शया के र�ा मंत्री क� भारत क� �पछल� यात्रा वषर् 2006 म� हुई थी
तथा भारत के र�ा ने जनवर�, 2008 म� मले�शया क� यात्रा क� थी। र�ा स�चव के स्तर पर भारत –
मले�शया र�ा सहयोग बैठक का आयोजन �नय�मत रूप से होता है । तीन� सेनाओं के बीच स्टाफ वातार् शरू
ु
क� गई है तथा वा�षर्क आधार पर इसका �नय�मत रूप से आयोजन होता है । दोन� दे श� के बीच संयुक्त
अभ्यास ''ह�रमाउ शिक्त’’ का आयोजन वा�षर्क आधार पर होता है तथा इसके स्तरोन्नत क� गुंजाइश है । स-ु
30 एस के एम एयरक्राफ्ट पर मले�शया के पायलट� को प्र�श��त करने के �लए भारतीय वायु सेना क�
प्र�श�ण ट�म को वषर् 2008 से 2010 तक मले�शया म� तैनात �कया गया। भारतीय नौसेना के पोत� ने भी
�नय�मत रूप से मले�शया के बंदरगाह� का दौरा �कया है , �पछल� यात्रा अगस्त, 2014 म� आई एन एस
रण�वजय क� सबाह क� यात्रा थी।
8 माचर्, 2014 को क्वालालंपुर से बीिजंग के �लए उड़ान भरने वाल� मले�शया एयरलाइंस क� फ्लाइट एम एच
370 के गायब होने के सामाचार के बाद भारत ने मले�शया के प्रा�धकार�य� को सभी आवश्यक सहायता प्रदान
क� तथा शुरू म� बंगाल क� खाड़ी �ेत्र म� तलाशी के कायर् म� पोतो एवं 5 एयरक्राफ्ट को तैनात �कया और
इसके बाद तालाशी के कायर् म� मदद के �लए सुबांग एयरपोटर् , मले�शया म� दो तलाशी एवं बचाव एयरक्राफ्ट
नामत: सी 130 जे एवं पी-8 आई को तैनात �कया। इस उड़ान पर सवार या�त्रय� म� से 5 भारत के नाग�रक
थे तथा भारतीय उच्चायोग ने इन पांच या�त्रय� के प�रवार� को आवश्यक सहायता प्रदान क� है ।
आ�थर्क एवं वा�णिज्यक सहयोग : आ�थर्क एवं वा�णिज्यक संबंध हमारे द्�वप�ीय संबंध� के मुख्य अवलंब ह�।
आ�सयान के अंदर भारत के �लए मले�शया तीसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है तथा द��ण के दे श� म� चीन
को छोड़कर भारत मले�शया का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है । भारत और मले�शया द्वारा 1 जुलाई, 2010
को व्यापक आ�थर्क सहयोग करार (सी ई सी ए) पर हस्ता�र �कया गया, जो 1 जुलाई, 2011 से लागू हो
गया है । व्यापक आ�थर्क सहयोग करार के तहत माल, सेवा, �नवेश तथा सहयोग के अन्य �ेत्र शा�मल ह�।
व्यापक आ�थर्क सहयोग करार क� पहल� समी�ा 8 -9 �दसंबर, 2014 को नई �दल्ल� म� हुई।
व्यवसाय के स्तर पर अ�धक साझेदार� एवं सहयोग �वक�सत करने के �लए अक्टूबर, 2010 म� एक भारत –
मले�शया सी ई ओ मंच का भी गठन �कया गया है िजसम� दोन� प�� के 18 सी ई ओ को शा�मल �कया
गया है । इसक� 6वीं बैठक जनवर�, 2014 म� बंगलौर म� हुई थी।
वषर् 2013 म� भारत और मले�शया के बीच द्�वप�ीय व्यापार 13.88 �म�लयन अमर�क� डालर (8.17
�ब�लयन अमर�क� डालर मले�शयाई �नयार्त के �लए तथा 5.21 �ब�लयन अमर�क� डालर भारतीय �नयार्त के
�लए) था। इसके अलावा, व्यापार मले�शया के प� म� महत्वपण
ू र् रूप से झक
ु ा हुआ है ।
मले�शया भारत म� �नवेश करने वाले महत्वपूणर् दे श� म� से एक है । अनुमान है �क य�द मॉर�शस रूट को भी
शा�मल कर �लया जाए, तो भारत म� मले�शया का �नवेश 7 �ब�लयन अमर�क� डालर के आसपास हो सकता
है । तथा�प, उपलब्ध डाटा के अनुसार, �पछले 13 वष� म� 631.74 �म�लयन अमर�क� डालर के एफ डी आई
अंत:प्रवाह के साथ मले�शया इस समय भारत म� 19वां सबसे बड़ा �नवेशक है । इनम� जो उल्लेखनीय है वे इस
प्रकार ह� – एयरसेल म� मैिक्सस कंम्यु�नकेशंस, आइ�डया सेलुलर �ल�मटे ड म� एिक्सयाटा, आई डी एफ सी एवं
अपोलो हािस्पटल्स म� खजनाह, नागर �वमानन म� एयर ए�शया आ�द। मले�शया क� �नमार्ण कंप�नय� क�
मले�शया के बाहर सबसे अ�धक उपिस्थ�त भारत म� है । उन्ह�ने भारत म� 3.27 �ब�लयन अमर�क� डालर मूल्य
क� 72 �नमार्ण प�रयोजनाओं का काम पूरा �कया है , जब�क 2.376 �ब�लयन अमर�क� डालर मूल्य क� 17
प�रयोजनाएं कायार्न्वयन के �व�भन्न चरण� पर ह�। मले�शया के �वमानपत्तन� के साथ साझेदार� के तहत
जीएमआर ने वषर् 2008 म� है दराबाद म� एयरपोटर् का �नमार्ण कायर् पूरा �कया तथा इसके द्वारा जुलाई, 2012
म� �दल्ल� म� दस
ू र� प�रयोजना पूर� क� गई। स्कोमी ने मुंबई मोनोरे ल का �नमार्ण �कया है ।
दस
ू र� ओर, �पछले 13 वष� म� मले�शया म� भारत का संचयी �नवेश 2.05 �ब�लयन अमर�क� डालर के
आसपास है । भारत क� िजन कंप�नय� ने बड़ा अ�धग्रहण �कया उनम� �रलायंस इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड; बल्लार
इंडस्ट्र�ज �ल�मटे डृ लासर्न एंड टब�, ट� सी एस, �वप्रो, बायोकॉन इं�डया, मणीपाल �वश्व�वद्यालय आ�द शा�मल
ह�। मले�शया म� 100 से अ�धक भारतीय कंप�नयां काम कर रह� ह� िजनम� 60 भारतीय संयुक्त उद्यम
शा�मल ह�। इसके अलावा, 60 भारतीय आईट� कंप�नयां मले�शया म� / मले�शया से प्रचालन कर रह� ह�। भारत
सरकार क� संस्थाएं जैसे �क इरकॉन, जनरल इंस्योर� स कंपनी ऑफ इं�डया, एयर इं�डया एवं एड�सल भी
मले�शया म� स�क्रय ह�। मले�शया म� वषर् 2010 म� स्था�पत इं�डया इंटरनेशनल ब�क, ब�क ऑफ बड़ौदा, इं�डयन
ओवरसीज ब�क एवं आंध्रा ब�क का एक प�रसंघ है ।
राजमागर् प्रबंधन एवं �वकास पर तकनीक� सहायता सेवाओं के प्रावधान से संबं�धत सहयोग के �लए एक एम
ओ यू पर हस्ता�र �दसंबर, 2010 म� �कया गया। इस एम ओ यू के कायार्न्वयन पर नजर रखने के �लए एक
द्�वप�ीय संचालन स�म�त का गठन �कया गया है , िजसे सरकार दर सरकार वातार् रूट के माध्यम से भारत
म� मले�शया क� अवसंरचना कंप�नय� क� भागीदार� बढ़ाने के �लए तैयार �कया गया है ।
इरकॉन इंटरनेशनल �ल�मटे ड वषर् 1988 से मले�शया म� रे वले के �वकास म� स�क्रय रूप से लगा हुआ है तथा
इसने 31 जल
ु ाई, 2013 को 1 �ब�लयन अमर�क� डालर मूल्य क� एक डबल ट्रै क प�रयोजना (सेरेम्बन –
जेमास) को सफलता के साथ पूरा कर �लया है । वे मले�शया सरकार से सरकार दर सरकार मोड के तहत
अपने �लए और प�रयोजनाएं प्राप्त करने का प्रावधान कर रहे ह�।
संपकर् एवं पयर्टन : भारत म� 6 प्रमुख डेिस्टनेशन के �लए सीट� क� संख्या उत्तरोत्तर बढ़ाने तथा अनेक
डेिस्टनेशन का प्रावधान करने एवं भारत – मले�शया रूप पर �कसी भी संस्था म� एयरलाइंस चलाने के �लए
वषर् 2007 म� एक द्�वप�ीय करार के बाद दोन� दे श� के बीच हवाई संपकर् म� काफ� सुधार हुआ है । इस समय
दोन� दे श� के बीच 150 से अ�धक उड़ाने ह�, िजसम� से अ�धकतर का प्रचालन मले�शया क� �वमानन कंप�नय�
द्वारा �कया जा रहा है । दोन� दे श इस समय संशो�धत हवाई सेवा करार पर भी बातचीत कर रहे ह�। भारत के
अंदर भी एयरलाइंस प्रचा�लत करने के �लए एयर ए�शया द्वारा टाटा ग्रुप के साथ संयुक्त उद्यम का गठन
�कया गया है ।
मले�शया के �लए इनबाउं ड पयर्टन के �लए भारत छठवां सबसे बड़ा स्रोत दे श है तथा वषर् 2013 म� 6.5 लाख
से अ�धक भारतीय पयर्टक� ने मले�शया का दौरा �कया। दस
ू र� ओर, मले�शया भारत म� �वदे शी पयर्टक� का
दसवां सबसे बड़ा स्रोत दे श है तथा वषर् 2013 म� मले�शया के 1.6 लाख पयर्टक� ने भारत का दौरा �कया।
भारत और मले�शया ने वषर् 2010 से पयर्टन के �ेत्र म� सहयोग के �लए एक एम ओ यू पर भी हस्ता�र
�कया है ।
�श�ा सहयोग : लगभग 2000 भारतीय छात्र हर साल पढ़ाई करने के �लए मले�शया जाते ह�, जब�क
मले�शया के लगभग 1500 छात्र भारतीय कालेज� म� पढ़ाई के �लए अपना नामांकन कराते ह�। इनम� से
मले�शया के 95 प्र�तशत से अ�धक छात्र भारत म� �च�कत्सा एवं दं त �च�कत्सा के पाठ्यक्रम� म� ज्वाइन करते
ह�। जनवर� 2010 से भारत एवं मले�शया के बीच उच्च �श�ा पर भी एक एम ओ यू है ।
इसके अलावा, भारत मले�शया के �लए आई ट� ई सी के तहत लगभग 25 स्लॉट� तथा कोलंब� योजना के
तहत 5 स्लॉट� क� भी पेशकश करता है । भारत के �वश्व�वद्यालय म� स्नातक, स्नात्कोत्तर एवं शोध कायर्क्रम�
म� पढ़ाई के �लए भारत लगभग 30 छात्रविृ त्तय� क� भी पेशकश करता है ।
भारतीय सांस्कृ�तक क�द्र (आई सी सी) : भारतीय सांस्कृ�तक संबंध प�रषद (आई सी सी आर) के तहत
भारतीय सांस्कृ�तक क�द्र फरवर�, 2010 म� स्था�पत �कया गया तथा यह भारत एवं मले�शया के प्र�श��त
�श�क� के माध्यम से कान��टक वोकल, कथक नत्ृ य, योग, �हंद� भाषा एवं तबला म� क�ाएं चलाता है ।
भारतीय सांस्कृ�तक क�द्र म� संचा�लत क�ाओं से 500 से अ�धक छात्र� को लाभ हुआ है। मले�शया के �व�भन्न
भाग� म� भारतीय संस्कृ�त प्रचार – प्रसार करने के �लए भारतीय सांस्कृ�तक क�द्र मले�शया क� �व�भन्न
सांस्कृ�तक संस्थाओं के साथ सहयोग स्था�पत करता है । यह क�द्र दवाओं क� आयुष पद्ध�तय� पर प्रमा�णक
सच
ू ना के प्रसार के �लए एक पस्
ु तकालय एवं आयष
ु सच
ू ना प्रकोष्ठ भी चलाता है। मले�शया के अन्य राज्य�
तक पहुंचने एवं भारतीय संस्कृ�त एवं कला के संदेश का प्रसार करने के �लए भारतीय सांस्कृ�तक क�द्र
स�क्रयता से कदम भी उठाता है ।
परं परगत दवा : भारत और मले�शया ने अक्टूबर, 2010 म� परं परागत दवा के �ेत्र म� सहयोग के �लए एक
एम ओ यू पर हस्ता�र �कया। हमारे सहयोग क� प्रग�त क� समी�ा के �लए एम ओ यू के तहत दो
द्�वप�ीय तकनीक� बैठक� हुई ह�। मले�शया के स्वास्थ्य मंत्रालय का परं परगत एवं समकाल�न दवा (ट� सी
एम) प्रभाग मले�शया म� आयुष क� पद्ध�तय� को लोक�प्रय बनाने के �लए काम कर रहा है । आयुव�द, �सद्धा,
यन
ू ानी एवं हो�मयोपैथी क� मले�शया म� प्रैिक्टस होती है।
वषर् 2010 से आई सी सी म� आयष
ु सच
ू ना प्रकोष्ठ के अलावा, �पछले 4 साल के �लए मले�शया म� एक
आयुव��दक डाक्टर एवं दो �थरे �पस्ट को प्र�त�नयुक्त �कया गया है। व्याख्यान दे ने, परामशर् करने, से�मनार
आयोिजत करने तथा मले�शया के डाक्टर�, पेशेवर� एवं अन्य� को आव�धक प्र�श�ण दे ने के �लए अल्प अव�ध
के �लए आयष
ु �वशेष� भी समय – समय पर प्र�त�नयुक्त �कए जा रहे ह� (अब तक आयुव�द के 3 �वशेष�
तथा �सद्धा के 2 �वशेष� प्र�त�नयक्
ु त �कए गए ह�)। भारत भारतीय संस्थान� / कालेज� म� परं परागत दवाओं
का अध्ययन करने के �लए मले�शया के नाग�रक� के �लए 20 छात्रविृ त्तय� क� भी पेशकश करता है । भारत ने
मले�शया के साथ्� आयष
ु �वभाग द्वारा प्रका�शत फामार् कोपोइया के संपूणर् खंड को भी साझा �कया है ता�क
मले�शया म� हबर्ल उत्पाद के पंजीकरण म� परं परागत भारतीय संपाक� एवं �नद� शन� के मूल्यांकन के �लए संदभर्
मानक के रूप म� इनका प्रयोग �कया जा सके।
भारतीय उच्चायोग द्वारा आयव
ु �द के प्रैिक्टशनसर् म� प्रसार के �लए अंग्रेजी एवं बहासा मले�शया भाषा म�
आयुव�द पर एक पुस्तक छपवाई गई है ।
श्रम एवं प्रवासी : 1,30,00 से अ�धक भारतीय प्रवासी पेशेवर तथा कुशल एवं अधर्कुशल श्रेणी के तहत
मले�शया म� कानूनी तौर पर काम कर रहे ह�। जनवर�, 2009 म� हस्तांत�रत रोजगार एवं मजदरू � के कल्याण
पर एक द्�वप�ीय एम ओ यू के माध्यम से भारती मजदरू � से संबं�धत �शकायत� से �नपटने के �लए एक
संस्था�नक रूपरे खा स्था�पत क� गई है । स�चव के स्तर पर संयक्
ु त कायर् समूह क� 3 बैठक� पहले ह� हो चक
ु �
है ।
भारत से मले�शया म� गैर कानूनी उत्प्रवास तथा मानव दव्ु यार्पार दोन� दे श� क� सरकार� के �लए �चंता का
�वषय है तथा मले�शया के आंकड़� के अनस
ु ार, अगस्त, 2011 म� उनक� अमनेस्ट� स्क�म के तहत 50,000 से
अ�धक भारतीय नाग�रे क� को ‘गैर कानन
ू ी’ के रूप म� पंजीकृत �कया गया है । बहुतेरे गैर कानन
ू ी मजदरू � को
पंजीकृत भी नह�ं �कया गया है । भारतीय उच्चायोग यह सु�निश्चत करने के �लए स�क्रय रूप से कदम उठा
रहा है �क उनके कल्याण का ध्यान रखा जाए तथा भारत वापसी पर उनक� मदद क� जा सके।
भारतीय मल
ू के व्यिक्त (पी आई ओ) : मले�शया �वश्व के ऐसे दे श� म� से एक है जहां भारतीय मल
ू के
व्यिक्त सबसे अ�धक संख्या म� ह�। इनक� संख्या 2 �म�लयन के आसपास है (जो मले�शया क� आबाद� का 7
से 8 प्र�तशत है )। भारतीय मल
ू के व्यिक्तय� म� अ�धकतर त�मल भाषी ह� तथा तेलग
ु ,ू मलयालम एवं पंजीबी
बोलने वाले पी आई ओ क� संख्या भी काफ� है । आजाद� से पहले से ह� मले�शयाई भारतीय कांग्रेस पी आई
ओ का एक प्रभुत्वशाल� दाजनी�तक संगठन है तथा यह आजाद� के समय से ह� सत्ताधार� गठबंधन का
सदस्य है , परं तु हाल के वष� म� अनेक छोटे – छोटे राजनी�तक संगठन उभर गए ह�। दो �वप�ी दल� – पी के
आर एवं डी ए पी को भी पी आई ओ का काफ� समथर्न प्राप्त है , िजसके �नचले सदन म� मले�शयाई भारतीय
कांग्रेस क� तल
ु ना म� भारतीय समद
ु ाय के संसद सदस्य अ�धक ह�।
मले�शया प्रवासी भारतीय �दवस के �लए सबसे बड़ा दल भेजता रहा है तथा इस समय मले�शया से भारतीय
प्रवासी सम्मान पाने वाले लोग� क� संख्या 5 है िजनके नाम इस प्रकार ह� – दातो सेर� सामीवेल्लु, तान श्री
सोमासुंदरम, तान श्री वा�दवेलो, तान श्री अिजत �संह एवं तान श्री दातक
ु र�वंद्रन मेनन। 7 से 9 जनवर�,
2014 के दौरान नई �दल्ल� म� आयोिजत 12व� प्रवासी भारतीय �दवस म� मले�शया के प्राकृ�तक संसाधन एवं
पयार्वरण मंत्री तथा मले�शयाई भारतीय कांग्रेस के अध्य� दातक
ु सेर� जी पाला�नवेल मुख्य अ�त�थ थे।
आ�सयान : मले�शया ने जनवर�, 2015 म� आ�सयान क� अध्य�ता ग्रहण क� है । इसके तहत भारत –
आ�सयान �शखर बैठक एवं पूव� ए�शया �शखर बैठक का आयोजन वषर् 2015 म� मले�शया म� होगा।
उपयोगी संसाधन :
भारतीय उच्चायोग, क्वालालंपुर क� वेबसाइट :
http://www.indianhighcommission.com.my/
भारतीय सांस्कृ�तक क�द्र, भारतीय उच्चायोग, क्वालांलपुर क� वेबसाइट :
http://www.icckl.com.my/
जनवर� 2015
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